
इसी तरह के एक बैनर द्वारा ये प्रचारित किया जा रहा है कि पिछले 9 सालों के दौरान मोबाईल फोन ग्राहकों कि संख्या 16 करोड़ से बढ़ कर 86 करोड़ से भी ज्यादा हो गई है, लेकिन ये नहीं बता रहे कि इन 9 सालों मे 2जी घोटाले के द्वारा देश के खजाने को कितने लाख करोड़ का नुकसान हुआ है। वैसे पिछले दिनो जब चीनी सेना ने हमारे देश के हिस्से मे आ कर बंकर बनाये थे तब उन्होने सीमा के भीतर 5-10 किलोमीटर तक सड़क का निर्माण भी कर लिया था , सरकार के शब्दों मे शायद इसे भी भारत निर्माण कहा जा सकता है।
पिछले 9 सालों के कार्यकाल मे इस सरकार और इसके मंत्रियों ने धरती से ले कर आसमान तक, जहा भी संभावना मिली है, भरपूर घोटाले किए हैं। और तो और घोटालों की फेहरिस्त मे आने वाले जाने कितने मंत्रियों को अपने पद से इस्तीफा तक देने की नौबत आ गई है। फिर भी सरकार और इसके मंत्रियों मे न आत्मसम्मान हैं और न ही शर्म, वो देश के भोली भाली जनता को अभी भी भारत निर्माण के झूठे प्रचार का झांसा दे कर फिर से सत्ता हासिल करना चाहती है।
वैसे कुछ और तथ्य हैं , जिनको लिखना मैं अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी समझता हूँ। 2004 मे जब यूपीए की सरकार बनी थी तब और अब के आंकड़ों को अगर देखा जाए तो ये सरकार हर जगह ही नाकाम साबित हुई है। 2004 से अब तक रुपये के मूल्य मे 30 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है। 2004 मे 1 डॉलर 36 रुपये के आस पास था जो आज कल 55 रुपये से ज्यादा हो चुका है। अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार मे रुपया लगातार निम्नतम स्तर की ओर बढ़ रहा है और सरकार भारत निर्माण के प्रचार मे ही मस्त है। रुपये को मजबूत करने के उपाय कितने किया जा रहे हैं और वे कारगर सिद्ध हो भी रहे हैं या नहीं , इसके बारे मे कोई जानकारी उपलब्द्ध नहीं है। मुद्रास्फीति की दर जिसे हम सामान्य भाषा मे महंगाई की दर कहते हैं, उसमे भी जबर्दस्त उछाल है। 2004 मे ये दर 3.8% थी जो की बढ़ते बढ़ते आज का समय मे 8.5% के ऊपर चल रही है। यानि की रोज़मर्रा की जरूरत का सारा समान महँगा होता जा रहा है और सरकार को इसमे भारत निर्माण दिख रहा है।देश का सकल घरेलु उत्पाद जिसे आम भाषा में GDP कहते हैं , गिरते गिरते 5 % के भी नीचे पहुच गया , सरकार को भारत निर्माण दिख रहा है। जब अटल जी ने 1998 में देश की कमान संभाली थी तब विकास की दर 4% के आस पास चल रही थी , उनके कार्यकाल मे अथक प्रयासों से उन्होने इसे 8 % के ऊपर पहुचाया था। अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री को विरासत मे 8% की विकास दर मिली जिसे इन और इनके सहयोगियों ने पुनः 4 % के पास ला छोड़ा है। जाने ये कैसा भारत निर्माण है और इसे देखने के लिए चश्मा कहा से लाऊ मैं।
भ्रष्टाचार अपने चरम पर है, सरकार के मंत्री और उनके परिजन पिछले 9 सालों मे लखपति से अरबपति बन गए हैं, घोटालों के बोझ से सरकारी खजाना दम तोड़ने की कगार पर है। देश के साथ साथ सरकार की विदेश नीति भी किसी काम की नहीं है। चाइना, पाकिस्तान और यहा तक की बांग्लादेश जैसे छोटे और नाकाम देश भी धौंस दिखाते हैं , हमारे मंत्री रात्री भोज और विदेश यात्राओं मे व्यसत दिखते हैं। दुनिया के किसी भी कोने मे शायद ही कभी कोई ऐसा प्रधानमंत्री हुआ होगा , जिसके अंदर न नेतृत्व करने की क्षमता है , न ही दूरदर्शिता और न ही स्वायक्तता, फिर भी 9 सालों से देश के प्रधानमंत्री के पद पर बैठा हुआ है और लगातार देश गर्त की ओर अग्रसर है। सरकार भले ही इसे भारत निर्माण की संज्ञा दे कर खुश हो ले , देश वासियों के लिए तो भारत बर्बाद ही हुआ है।