Saturday, October 5, 2013

गुजरात का कुपोषण : मीडिया का दुष्प्रचार और सच्चाई

CAG ने जब से देश भर के विभिन्न राज्यो मे व्याप्त कुपोषण पर अपनी रिपोर्ट जारी की है, देश के सारे खबरिया चैनलों ने गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विकास पुरुष की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से, इस रिपोर्ट के अंश मात्र को औज़ार के रूप मे प्रयोग किया है। जब से CAG की रिपोर्ट आई है लगभग सभी चैनेलों पर एक ही खबर चलायी जा रही है की गुजरात मे हर तीसरा बच्चा कुपोषण का शिकार है। यह सिर्फ CAG की रिपोर्ट का एक पहलू है जिसे सनसनी खबर बना कर मीडिया ने 2 दिन से अपनी TRP बनाए रखी है। उसी CAG की रिपोर्ट को अगर पूरा पढ़ा जाए तो उसके अनुसार 2006-07 मे ये दर 71% पर थी जो 2011 मे घट कर 39% पर आ चुकी है, यानि की इन 4 सालों के भीतर राज्य सरकार ने कुपोषण पर काबू पाने के जो उपाय किए उनके परिणाम काफी सकारात्मक रहे हैं और सरकार ने तेजी से कुपोषण की दर मे 32% की कमी लाने मे सफलता पायी है। इतनी तेजी से कुपोषण को नियंत्रण करने मे गुजरात की नरेंद्र मोदी जी की सरकार देश मे अव्वल स्थान पर है और अभी भी कुपोषण की दर देश के औसत 41% से कम है।
अगर देश के और राज्यों के कुपोषण का अध्ययन किया जाए तो आंध्र प्रदेश मे ये 49% , बिहार मे 82% हरियाणा मे 43%, झारखंड ,उत्तर प्रदेश और कर्नाटक मे 40%, केरल मे 37% , राजस्थान मे 43%, दिल्ली और ओड़ीशा मे 50% है। परंतु अभी तक किसी भी खबरिया चैनल ने गुजरात के अलावा किसी और प्रदेश का जिक्र नहीं किया है और पूरी उम्मीद है की करेगा भी नहीं। क्यूंकी मीडिया को TRP चाहिए और वो अपेक्षित TRP सिर्फ श्री नरेंद्र मोदी जी के नाम से ही मीडिया को मिल सकता है।
 रही बात कांग्रेस के नेताओ की तो ये वही कांग्रेस है जो 2जी, CWG और कोयला आवंटन घोटालो पर CAG की रिपोर्ट को सिरे से खारिज करती है परंतु कुपोषण के मामले पर इस रिपोर्ट के अंशों को तोड़ मरोड़ कर ज़ोर शोर से दुष्प्रचार करने मे लगी है। उम्मीद है कांग्रेसी राज्य जो अभी भी कुपोषण के राष्ट्रीय स्तर से काफी ऊपर हैं वो अपने राज्यों मे इसे सुधारने की प्रकारिया करेंगे और गुजरात के विकास से सीख ले कर इसे तेजी से नीचे लाने की सकारात्मक कोशिश करेंगे।और बिहार के मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार से यही आग्रह करूंगा की पहले बिहार मे 82% के कुपोषण को 60% तक तो ले कर आए बिहार नरेंद्र मोदी जी पर हमला करे। श्री नितीश कुमार जो हर बात मे व्यंग्य के लिए देशी कहावतों का काफी प्रयोग करते हैं, उनके लिए एक बात और कहना चाहूँगा- "सूप हसे चलनी पर जिसमे खुद 72 छेद"