समेट कर न जाने कितनी यादें अपने आँचल मे , ये देखो एक और साल गुज़र रहा है।
कुछ खट्टी , कुछ मीठी और कुछ चटपटी यादों से भरपूर एक और साल
कभी हंसी , कभी खुशी , तो कभी ग़म के माहौल से भरा रहा एक और साल
इन सभी पलों को अपने आँचल मे समेट कर, ये देखो एक और साल गुजर रहा है।
कुछ अनसुनी कुछ अनकही बातें भी समेटे है ये साल ,
कभी नम आँखों मे आँसू भी समेटे है ये साल,
किसी की हंसी के कारण को समेटे है ये साल,
इन सभी पलों को अपने आँचल मे समेट कर , ये देखो एक और साल गुज़र रहा है।
किसी ने देखी सफलता की नई ऊँचाइयाँ ,
किसी को विषमताओं से उबरने मे उलझाए रहा ये साल।
किसी को पल पल रही अपने प्यार की तलाश ,
तो किसी के प्यार ने उसे ढूंढ ही लिया अनायास।
इन सभी पलों को अपने आँचल मे समेट कर , ये देखो एक और साल गुज़र रहा है।
कुछ खट्टी , कुछ मीठी और कुछ चटपटी यादों से भरपूर एक और साल
कभी हंसी , कभी खुशी , तो कभी ग़म के माहौल से भरा रहा एक और साल
इन सभी पलों को अपने आँचल मे समेट कर, ये देखो एक और साल गुजर रहा है।
कुछ अनसुनी कुछ अनकही बातें भी समेटे है ये साल ,
कभी नम आँखों मे आँसू भी समेटे है ये साल,
किसी की हंसी के कारण को समेटे है ये साल,
इन सभी पलों को अपने आँचल मे समेट कर , ये देखो एक और साल गुज़र रहा है।
किसी ने देखी सफलता की नई ऊँचाइयाँ ,
किसी को विषमताओं से उबरने मे उलझाए रहा ये साल।
किसी को पल पल रही अपने प्यार की तलाश ,
तो किसी के प्यार ने उसे ढूंढ ही लिया अनायास।
इन सभी पलों को अपने आँचल मे समेट कर , ये देखो एक और साल गुज़र रहा है।