
यह सर्वविदित है की सीआईए द्वारा अपने गुप्त उद्देश्य, एशियाई देशों मे अस्थिरता पैदा करने, हेतु कई संस्थाएं बनाई एवं संचालित की जा रही है। अमेरिकी सरकार के कथनी एवं करनी मे हमेशा अंतर रहा है खास कर जब पाकिस्तानी हित का प्रश्न उपस्थित हो। कई भारतीय गैर सरकारी संस्थाएं मानवाधिकार के नाम पर पुलिस एवं आर्मी द्वारा किए गए कार्यवाही एवं मारे गए दोषी व्यक्तियों के बचाव मे विरोध एवं हल्ला गुल्ला की राजनीत करते रहे हैं, जैसे बटला हाउस कांड, नुसरत जहां कांड। जबकि बटला जौसे कांड मे एक पुलिस निरीक्षक की मृत्यु हुई है एवं नुसरत जहां के बारे मे अंतर्राष्ट्रीय आतंकी हेडली ने अमेरिका मे ही बयान दिया है।
यदि फोर्ड फ़ाउंडेशन गैर सरकारी संस्था है तो अमेरिकी सरकार इसे क्यों सरकारी संस्था मानते हुये इसके कार्यों मे रोक के प्रति इतनी चिंतित है। किसी अन्य देश द्वारा अपने गैर सरकारी संस्था के क्रियाकलाप पे रोक के प्रति इतनी चिंता कभी नहीं दिखाई है। अमेरिकी सरकार क्यों नहीं फोर्ड फ़ाउंडेशन के धन का उपयोग अपने यहाँ नस्लवाद्द समाप्ती मे प्रयोग करती है तथा बाल्टीमोर की घटना मे अश्वेत हितों की रक्षा मे कितना दान दिया है।
अमेरिकी सरकार द्वारा फोर्ड फ़ाउंडेशन से दान प्राप्ति पर रोक के संबंध मे किए गए प्रश्न स्पष्ट करते हैं की फोर्ड फ़ाउंडेशन अमेरिकी सरकार द्वारा पोषित छद्म गैर सरकारी संस्था है और इसके हितों के विरुद्ध किए गए कार्य अमेरिकी सरकार अपने उद्देश्य पूर्ति मे बाधक मानती है। आप पार्टी का चरित्र सर्व विदित हो चुका है तथा उन्हे भारत के हित से ज्यादा पाकिस्तानी हितों की परवाह है जिससे वोट बैंक का निर्माण कर सकें।
भारत सरकार को अमेरिकी सरकार के विरोध के बावजूद फोर्ड फ़ाउंडेशन से भारतीय संस्थाओं द्वारा धन ;प्राप्ति पर रोक जारी रखनी चाहिए।