आदरणीय दिल्ली के मुख्यमंत्री जी
पिछले दिनों खबरों आपकी बढ़ी हुई जीभ के इलाज हेतु बंगलुरु जाने का समाचार प्राप्त हुआ। जीभ के इलाज के बाद जल्द स्वास्थ्य लाभ की शुभकामनाये और उम्मीद है अब इलाज के बाद आपकी बदजुबानी में भी पहले से कमी आएगी।
केजरीवाल जी आप जब से मुख्यमंत्री बने हैं तब से कई मर्तबा आपने अपने खुद के इलाज के लिए बंगलुरु का रूख किया है और इस पर लाखों रुपये सरकारी खजाने से खर्च भी किये हैं। चलिए आप अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख रहे हैं जान कर काफी तसल्ली होती है क्योंकि भारतीय राजनीती में आप जैसे झूठों की भी आवश्यकता वैसी ही है जैसे खाने में मिर्च की होती है। वैसे तो आपने दिल्ली की सरकार में कोई भी औपचारिक मंत्रालय तो संभाला नहीं हुआ है , लेकिन आपने ट्विटर और बाकि राज्यों में पार्टी के प्रचार की कमान बखूबी संभाल रखी है। खैर आप तो स्वघोषित ईमानदार हैं और आपने अपने पार्टी के लीडरान को भी आपने बखूबी अपने द्वारा प्रमाणित प्रमाण पात्र दे रखे हैं, ऐसा करने वाले भी आप एकलौते राजनीतिज्ञ हैं।
मुख्यमंत्री जी, आप अपने इलाज के लिए जब सरकारी खर्चे पर बंगलुरु तक चले जाते हैं, तो क्या आपको इस बात का तनिक भी इल्म होता है आपकी दिल्ली की लाखों जनता डेंगू और चिकुनगुनिया जैसे बीमारियों से जान गांव रही है, क्योंकि दिल्ली सरकार के स्वामित्व वाले अस्पतालों में उनके इलाज की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गयी है क्योंकि आपके स्वास्थ्य मंत्री तो गोवा में आगामी चुनावों के प्रचार की कमान संभाले हुए थे।
मुख्यमंत्री जी आप अन्य राज्यों में बखूबी प्रचार करिये और अपनी पार्टी का विस्तार भी करिये लेकिन ये विस्तार और प्रचार कम से कम उस राज्य के गरीब जनता के स्वास्थ्य के कीमत पर तो मत ही कीजिये जिसने आप लोगो को फर्श से उठा कर अर्श पर डाल दिया है। अमीर लोग तो अपना इलाज प्राइवेट अस्पतालों में करा लेते हैं लेकिन वो निरीह गरीब जनता आप और आपके मंत्रियों को कैसे और कहाँ कहाँ खोजे जो सरकारी अस्पतालों में अपना इलाज करवाते हैं।
और अंत में ये ही लिखना चाहूंगा की "आधा छोर जो पूरी धावे , आधी मिले ने पूरी पावे।" उम्म्मीद है आप इसका मतलब समझ जायेंगे और दिल्ली की जनता पर थोड़ा रहम और करम फरमाएंगे जिसने आपके झूठे वादों पर उम्मीद कर के आपको सत्ता सौंप दी ताकि आप सरकारी खर्चे पर अपना इलाज करा सकें और आप और आपके मंत्री दूसरे राज्यों में पार्टी का प्रचार कर सके।
धन्यवाद
भारत का एक साधारण नागरिक
चित्र - साभार मनोज कुरील जी
पिछले दिनों खबरों आपकी बढ़ी हुई जीभ के इलाज हेतु बंगलुरु जाने का समाचार प्राप्त हुआ। जीभ के इलाज के बाद जल्द स्वास्थ्य लाभ की शुभकामनाये और उम्मीद है अब इलाज के बाद आपकी बदजुबानी में भी पहले से कमी आएगी।
केजरीवाल जी आप जब से मुख्यमंत्री बने हैं तब से कई मर्तबा आपने अपने खुद के इलाज के लिए बंगलुरु का रूख किया है और इस पर लाखों रुपये सरकारी खजाने से खर्च भी किये हैं। चलिए आप अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख रहे हैं जान कर काफी तसल्ली होती है क्योंकि भारतीय राजनीती में आप जैसे झूठों की भी आवश्यकता वैसी ही है जैसे खाने में मिर्च की होती है। वैसे तो आपने दिल्ली की सरकार में कोई भी औपचारिक मंत्रालय तो संभाला नहीं हुआ है , लेकिन आपने ट्विटर और बाकि राज्यों में पार्टी के प्रचार की कमान बखूबी संभाल रखी है। खैर आप तो स्वघोषित ईमानदार हैं और आपने अपने पार्टी के लीडरान को भी आपने बखूबी अपने द्वारा प्रमाणित प्रमाण पात्र दे रखे हैं, ऐसा करने वाले भी आप एकलौते राजनीतिज्ञ हैं।
मुख्यमंत्री जी, आप अपने इलाज के लिए जब सरकारी खर्चे पर बंगलुरु तक चले जाते हैं, तो क्या आपको इस बात का तनिक भी इल्म होता है आपकी दिल्ली की लाखों जनता डेंगू और चिकुनगुनिया जैसे बीमारियों से जान गांव रही है, क्योंकि दिल्ली सरकार के स्वामित्व वाले अस्पतालों में उनके इलाज की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गयी है क्योंकि आपके स्वास्थ्य मंत्री तो गोवा में आगामी चुनावों के प्रचार की कमान संभाले हुए थे।
मुख्यमंत्री जी आप अन्य राज्यों में बखूबी प्रचार करिये और अपनी पार्टी का विस्तार भी करिये लेकिन ये विस्तार और प्रचार कम से कम उस राज्य के गरीब जनता के स्वास्थ्य के कीमत पर तो मत ही कीजिये जिसने आप लोगो को फर्श से उठा कर अर्श पर डाल दिया है। अमीर लोग तो अपना इलाज प्राइवेट अस्पतालों में करा लेते हैं लेकिन वो निरीह गरीब जनता आप और आपके मंत्रियों को कैसे और कहाँ कहाँ खोजे जो सरकारी अस्पतालों में अपना इलाज करवाते हैं।
और अंत में ये ही लिखना चाहूंगा की "आधा छोर जो पूरी धावे , आधी मिले ने पूरी पावे।" उम्म्मीद है आप इसका मतलब समझ जायेंगे और दिल्ली की जनता पर थोड़ा रहम और करम फरमाएंगे जिसने आपके झूठे वादों पर उम्मीद कर के आपको सत्ता सौंप दी ताकि आप सरकारी खर्चे पर अपना इलाज करा सकें और आप और आपके मंत्री दूसरे राज्यों में पार्टी का प्रचार कर सके।
धन्यवाद
भारत का एक साधारण नागरिक
चित्र - साभार मनोज कुरील जी