Saturday, September 1, 2012

दिन वो पुराने याद आ गए ...........

ये गुजरा हुआ हफ्ता बिलकुल कॉलेज  के उन दिनों की सारी यादें ताज़ा कर गया जब सुबह  के होने के बाद  जल्दी से  शाम के वापस आ जाने जाने का इंतज़ार रहा करता था l मौसम भी था दस्तूर भी , दोस्तों की महफ़िल वैसे ही लग रही थी जैसे की कॉलेज के दिनों में लगा करती थी l मौका ये था की कॉलेज के ज़माने दोस्त तकरीबन एक साल बाद दुबारा मिल मिल रहे थे l और जब इतने दिनों के बाद मिल रहे थे  तो वो सारी बातें दुहरानी ही थी जो उन पुराने दिनों की यादों को फिर से ताज़ा कर जाये और आने वाले कुछ समय के लिए हम सबके ज़ेहन में अपनी याद की लकीरे कुरेद जाये l इस गुज़रे एक हफ्ते में वो 2 साल जीने की कोशिश कर दी और मेरा यकीन मानिये काफी हद तक सफल भी रहे अपनी इस कोशिश में l कमी बस ये थी की वो हॉस्टल का कमरा नहीं था , वो दोस्तों का हुजूम नहीं था , वो रात के 1 बजे खाई जाने वाली मैगी तो थी लेकिन उस मैगी को खाने का वो आनंद नहीं था जो दुसरे के प्लेट्स में से खाई जाती थी l उम्मीद है आने वाले सालों में हर साल ऐसा एक वाकया होगा ही जो कॉलेज के दिनों में की गयी साड़ी वारदातों की यादों को ताज़ा कर जायेगा l  हम कितने भी आगे निकल जाये ज़िन्दगी के इस सफ़र में , कॉलेज के दिनों को कभी कोई भूल नहीं सकता l  सबके दिलों में एक प्यारी सी छोटी सी जगह हमेशा होती है जब हम यारों की महफ़िल के बारे में याद कर के  अनायास ही मुस्कुरा उठते हैं l  उम्मीद यही करता हु की सिर्फ मुझे ही नहीं आपको भी ये बाते याद तो आती ही होंगी l  इस पोस्ट को आज मै उस गाने के साथ समाप्त करूँगा जो मेरे जेहन के काफी करीब है - " कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन ..........."




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