Friday, February 19, 2010

एक बार फिर से रिटेलर्स की भावनाओ का मजाक ...

अब तो ऐसा लगता है की जैसे रिटेल मे एड्मिसन ले कर हमने कोई पाप कर दिया हो , पिछले 8 महीनो मे हर मौके पर किसी ना किसी बहाने से हमारी ली जा रही है , और हम दिए जा रहे हैं I खैर और कुछ कर भी नहीं सकते, जब ओखली मे सर दिया है तो मुसक तो खाने ही पड़ेंगे l इस मौके पर एक काफी पुरानी शायरी याद आ रही है , -
 " बड़े बेआबरू हो कर तेरे कुचे से हम निकले, कितने भी निकले अरमान मेरे फिर भी कम निकले " ..
 खैर कोई नहीं , कुछ भी हो झेलना तो हमे ही है , और हमेशा की तरह हम झेल भी जायेंगे l
क्यूंकि इन  8 महीनो मे हमने ये तो सीख ही लिया है और कुछ सीखा हो या नहीं सीखा हो l कभी मॉल मेनिया के नाम पर हमारी भावनाओ के साथ खिलवाड़ हुआ तो अब ट्रिप के नाम पर हो रहा है
l हर चौथे दिन ट्रिप की नयी तारीख बनती है , हर पांचवे दिन उस तारीख को आगे बढ़ा दिया जाता है l  इन्स्युरंस वालो का प्लान बना और एक बार मे फ़ाइनल हो गया और वो 22 तारीख को गोवा जा भी रहे हैं , लेकिन रिटेल वालो के लिए कुछ भी फ़ाइनल नहीं हो रहा l 
लेकिन इन सब के बीच  ख़ुशी की बात ये है की 25 तारीख तक सारे छात्र छात्राओं की समर इन्टर्नशिप फ़ाइनल हो जाएगी क्यूंकि इसी वीक मे सारी टॉप कंपनीस कैम्पस  मे आ रही हैं , और इस महीने के अंत तक सभी छात्रों के हाथो मे अपनी खुद की समर इन्टर्नशिप के कागजात होंगे l और वो भी तीसरे ट्रेमेस्टर के एग्जाम के पहले ..

तो दोस्तों अब फिर से इन्तेजार करिए ट्रिप की अगली तारीख का ...

1 comment:

  1. sahi keh rahe ho bhaai.. saala lagta retail me admission leke koi paap kar diya hai..

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