Friday, March 12, 2010

हॉस्टल मे एक स्वयंभू लव गुरु ..... एक नया अध्याय

जी हा सही पढ़ा आप सभी ने ....प्रथम वर्ष ख़त्म होते होते हॉस्टल मे आखिरकार उस लव गुरु की खोज पूरी हो ही गयी जिसकी तलाश पिछले काफी महीनो से हॉस्टल के जिज्ञासु एक तरफ़ा प्रेमियों को थी l चलो अच्छा है की अंततः एक ऐसा गुरु जिसकी तलाश सभी को थी वो मिला तो , लेकिन सोचने वाली बात ये है की इस लव गुरु को खोजा किसने l तो चलो ये भी बता देते हैं की उस लव गुरु ने स्वयं ही ये घोषित कर दिया की वो लव गुरु है , और इसलिए हमने उसे स्वयंभू लव गुरु के ख़िताब से नवाज़ा है l और ये लव गुरु अपने बारे मे बताते हैं की उन्होंने कई  प्रेम कहानियो को उसके फ़ाइनल अंजाम तक पहुचाया है l खैर जब लव  गुरु ने कहा है तो हम उनकी कही बात को संशय की दृष्टि से तो देख नहीं सकते , लेकिन सबसे बड़ी अचंभित करने वाली बात ये है की इन तथाकथित लव गुरु खुद की सेट्टिंग अभी तक नहीं हो पाई है l लव गुरु ने कई जगह चांस पे डांस मरने की कोशिश करी है लेकिन  अभी तक दाल गली नहीं है , उम्मीद है की दाल गल भी नहीं पायेगी और इन्हें कच्ची दाल से ही काम चलाना पड़ेगा ...
खैर अभी पिछले दिनों लव गुरु ने कॉलेज के गली गली और चप्पे चप्पे पर पी. जी. डी. एम . प्रथम वर्ष की एक कन्या  की  की - रिंग ढूंढ़ते हुए पाए गए थे , जब लोगो ने पूछा की आप क्या ढूंढ़ रहे हैं तो लव गुरु ने बड़े ही सफाई से कन्नी काटते हुए बताया की उनके 2 रुपये के  तीन सिक्के खो गए हैं और वो उसी को ढूंढने मे लगे हुए  हैं , लेकिन हमें तो सच्चाई पता थी तो हमने लव गुरु को बताया की हम भी वोही की रिंग खोज रहे हैं , चलिए साझेदारी से ढूंढ़ते हैं, तब जा कर लव गुरु ने क़ुबूल किया की हा वो की रिंग ही ढूंढ़ रहे थे l  खैर लव गुरु को की रिंग ढूंढने देते  हैं और हम आगे की ओर प्रस्थान करते हैं  और इस पोस्ट को यही पर समाप्त करते हैं , और अगर आपको भी अपने प्रेम प्रसंग को लेकर किसी गंभीर मुद्दे पर अगर कोई सलाह की आवश्यकता है तो हमारे स्वयंभू लव गुरु से सलाह लेने ज़रूर जाये, लेकिन अपने रिस्क पर ही .....


शुभ रात्रि ...

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