हमारे देश की सरकार में एक से बढ़ कर एक ज्ञानी मंत्री लोग हैं। पढ़े लिखे भले ही न हो, शैक्षिक योग्यता के नाम पर शायद दसवी या बारहवी पास ही होंगे मुश्किल से, लेकिन ज्ञान का अथाह खान हैं। आये दिन इनके बयान सुन कर रोज़ का लाफ्टर का खुराक मिल जाया करता है, लेकिन इस बार तो एक मंत्री साहब ने हद्द ही कर दी। ऐसा बयान जरी कर दिया जो खुद इनके पार्टी की ही गले की हड्डी बन गया है। इनकी खुद की पार्टी ने भी ये कहते हुए बयान से पल्ला झाड़ लिया है कि ये पार्टी का नहीं बल्कि मंत्री जी का व्यक्तिगत बयान है।
ये मंत्री जी जिनके ऊपर देश के आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी है , हमेशा से ये कहते आ रहे हैं की आतंक का कोई धर्मं नहीं होता, आतंकी सिर्फ एक विकृत मानसिकता का प्रतिरूप होते हैं, आतंकवादियों को किसी एक संप्रदाय या धर्मं विशेष से जोड़ कर नहीं देखना चाहिए। बिलकुल सही बात है हम सभी भारतवासी आतंक को सिर्फ आतंक ही समझते हैं। किसी धर्मं विशेष से इसे जोड़ना बिलकुल गलत और निंदनीय है। लेकिन अभी पिछले दिनों इन्ही मंत्री जी ने एक संवाददाता सम्मलेन में ये कह कर सबको अच्चम्भित कर दिया की देश में हिन्दू आतंकवादियों के टेरर कैंप चल रहे हैं। लो कर लो बात कल तक यही साहब सबको ज्ञान बाटते फिर रहे थे की आतंक का कोई धर्मं नहीं होता और अब खुद ही कह रहे हैं कि हिन्दुओं के आतंकवादी कैंप चल रहे हैं देश में। मतलब ये है की ज्ञान बटने में तो ये भाई साहब आगे हैं लेकिन खुद ही उस ज्ञान को अमल कर पाने में नाकाबिल। और तो और जब मंत्री जी ने कह ही दिया हिन्दू आतंकवादियों के कैंप चल रहे हैं तो पाकिस्तान के राजनेताओं ने इसी का फायदा उठाते हुए भारत को ही आतंकवादी राष्ट्र घोषित करने की सिफारिश कर दी। अब मेरे ये समझ में नही आ रहा की ये साहब देश के हित में काम कर रहे हैं ये देश के खिलाफ। वैसे मुझे तो ये शक भी है की मंत्री साहब ने ये बयान देशवासियों का ध्यान पाकिस्तान द्वारा हमारे दो सैनिकों के सर काटने का कारण उपजे विवाद से दूर करने के लिए दिया है, ताकि सरकार की कमजोरियों से जनता का ध्यान भंग हो कर इस मुद्दे पे आ जाये।
भाई साहब आप एक ज़िम्मेदार मंत्री हैं , ज़रूर सब कुछ सोच समझ कर ही बयान जारी किया होगा। तो इस देश के एक जिम्मेवार और देशभक्त नागरिक होने के नाते हम भी जानना चाहते हैं कि आतंक फ़ैलाने वाले इन हिन्दू आतंकवादियों के प्रशिक्षण कैंप कहा चल रहे हैं। चलिए जिन आतंकवादियों के कैंप देश के बाहर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में चल रहे हैं, उन पर कारवाई न कर पाने की आपकी मज़बूरी से हम वाकिफ हैं। देश के बाहर जा कर हम किसी भी प्रकार की करवाई कर पाने में असमर्थ हैं। लेकिन जैसा की आपने बताया की आपके पास ख़ुफ़िया जानकारी मौजूद है की देश में हिन्दू आतंकवादियों के कैंप चल रहे हैं, तो हम ये जानना चाहते हैं की जानकारी मौजूद होने के बावजूद आखिर सरकार उन कैम्पस पर हमला क्यों नहीं कर रही है? देश के लिए खतरा ऐसे कैम्पस को तुरंत नेस्तनाबुन्द कर देना चाहिए। और उन्हें प्रशिक्षण देने वालों के ऊपर राष्ट्रद्रोह के कानून के अंतर्गत कानूनी कार्यवाही करना चाहिए।
श्रीमान वोट बैंक की राजनीती तो आप लोग वर्षों से करते आ रहे हैं, और करते रहिये उससे हमे कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन कम से कम देश की सुरक्षा के मामले में तो ऐसी ओछी राजनीती से ऊपर उठ कर बयान जारी किया कीजिये। अगर एक धर्म विशेष के 10 व्यक्ति किसी आतंकी घटना अंजाम देने में भागीदार होते हैं तो क्या सरकार की ओर से ऐसे गैर जिम्मेदार बयान देना उचित रहेगा की उस धर्मं के आतंकी प्रशिक्षण कैंप चल रहे हैं? भारत एक सेक्युलर देश है और आप लोग तो सबसे बड़े वाली स्वयं घोषित सेक्युलर पार्टी के नेतागण हैं, तो कृपया कर के ऐसे बयान जारी करने से पहले 'मेन्टोस' खा लिया कीजिये। जो दोषी है उन पर कारवाई करने की बजाये ऐसे अनुचित बयान जारी करना न सिर्फ निंदनीय है बल्कि ये सरकार में मौजूद लोगो की विकृत मानसिकता को उजागर करता है। अगर फिर भी न मानते तो हमारा क्या जाता है, हम तो 'मैंगो पीपल' हैं किसी तरह अपना गुजर बसर कर ही लेंगे। लेकिन अगर अब भी ऐसे बेसिर पैर वाले घटिया बयान जारी करते रहियेगा तो आने वाले चुनाव में जनता का जवाब आप लोगों को खुद ही मिल जायेगा। भगवान आको सद्बुद्धि दे, बस यही कामना कर सकता हूँ।
ये मंत्री जी जिनके ऊपर देश के आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी है , हमेशा से ये कहते आ रहे हैं की आतंक का कोई धर्मं नहीं होता, आतंकी सिर्फ एक विकृत मानसिकता का प्रतिरूप होते हैं, आतंकवादियों को किसी एक संप्रदाय या धर्मं विशेष से जोड़ कर नहीं देखना चाहिए। बिलकुल सही बात है हम सभी भारतवासी आतंक को सिर्फ आतंक ही समझते हैं। किसी धर्मं विशेष से इसे जोड़ना बिलकुल गलत और निंदनीय है। लेकिन अभी पिछले दिनों इन्ही मंत्री जी ने एक संवाददाता सम्मलेन में ये कह कर सबको अच्चम्भित कर दिया की देश में हिन्दू आतंकवादियों के टेरर कैंप चल रहे हैं। लो कर लो बात कल तक यही साहब सबको ज्ञान बाटते फिर रहे थे की आतंक का कोई धर्मं नहीं होता और अब खुद ही कह रहे हैं कि हिन्दुओं के आतंकवादी कैंप चल रहे हैं देश में। मतलब ये है की ज्ञान बटने में तो ये भाई साहब आगे हैं लेकिन खुद ही उस ज्ञान को अमल कर पाने में नाकाबिल। और तो और जब मंत्री जी ने कह ही दिया हिन्दू आतंकवादियों के कैंप चल रहे हैं तो पाकिस्तान के राजनेताओं ने इसी का फायदा उठाते हुए भारत को ही आतंकवादी राष्ट्र घोषित करने की सिफारिश कर दी। अब मेरे ये समझ में नही आ रहा की ये साहब देश के हित में काम कर रहे हैं ये देश के खिलाफ। वैसे मुझे तो ये शक भी है की मंत्री साहब ने ये बयान देशवासियों का ध्यान पाकिस्तान द्वारा हमारे दो सैनिकों के सर काटने का कारण उपजे विवाद से दूर करने के लिए दिया है, ताकि सरकार की कमजोरियों से जनता का ध्यान भंग हो कर इस मुद्दे पे आ जाये।
भाई साहब आप एक ज़िम्मेदार मंत्री हैं , ज़रूर सब कुछ सोच समझ कर ही बयान जारी किया होगा। तो इस देश के एक जिम्मेवार और देशभक्त नागरिक होने के नाते हम भी जानना चाहते हैं कि आतंक फ़ैलाने वाले इन हिन्दू आतंकवादियों के प्रशिक्षण कैंप कहा चल रहे हैं। चलिए जिन आतंकवादियों के कैंप देश के बाहर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में चल रहे हैं, उन पर कारवाई न कर पाने की आपकी मज़बूरी से हम वाकिफ हैं। देश के बाहर जा कर हम किसी भी प्रकार की करवाई कर पाने में असमर्थ हैं। लेकिन जैसा की आपने बताया की आपके पास ख़ुफ़िया जानकारी मौजूद है की देश में हिन्दू आतंकवादियों के कैंप चल रहे हैं, तो हम ये जानना चाहते हैं की जानकारी मौजूद होने के बावजूद आखिर सरकार उन कैम्पस पर हमला क्यों नहीं कर रही है? देश के लिए खतरा ऐसे कैम्पस को तुरंत नेस्तनाबुन्द कर देना चाहिए। और उन्हें प्रशिक्षण देने वालों के ऊपर राष्ट्रद्रोह के कानून के अंतर्गत कानूनी कार्यवाही करना चाहिए।
श्रीमान वोट बैंक की राजनीती तो आप लोग वर्षों से करते आ रहे हैं, और करते रहिये उससे हमे कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन कम से कम देश की सुरक्षा के मामले में तो ऐसी ओछी राजनीती से ऊपर उठ कर बयान जारी किया कीजिये। अगर एक धर्म विशेष के 10 व्यक्ति किसी आतंकी घटना अंजाम देने में भागीदार होते हैं तो क्या सरकार की ओर से ऐसे गैर जिम्मेदार बयान देना उचित रहेगा की उस धर्मं के आतंकी प्रशिक्षण कैंप चल रहे हैं? भारत एक सेक्युलर देश है और आप लोग तो सबसे बड़े वाली स्वयं घोषित सेक्युलर पार्टी के नेतागण हैं, तो कृपया कर के ऐसे बयान जारी करने से पहले 'मेन्टोस' खा लिया कीजिये। जो दोषी है उन पर कारवाई करने की बजाये ऐसे अनुचित बयान जारी करना न सिर्फ निंदनीय है बल्कि ये सरकार में मौजूद लोगो की विकृत मानसिकता को उजागर करता है। अगर फिर भी न मानते तो हमारा क्या जाता है, हम तो 'मैंगो पीपल' हैं किसी तरह अपना गुजर बसर कर ही लेंगे। लेकिन अगर अब भी ऐसे बेसिर पैर वाले घटिया बयान जारी करते रहियेगा तो आने वाले चुनाव में जनता का जवाब आप लोगों को खुद ही मिल जायेगा। भगवान आको सद्बुद्धि दे, बस यही कामना कर सकता हूँ।