Saturday, October 6, 2012

जब बबूल का पेड़ लगाया था तो आम कैसे मिलेगा ऑस्ट्रेलिया वालो

हा हा  हा हा हा l l l l  हसी रुकने का नाम नहीं ले रही l  सही बताऊ तो लगातार दो दिनों में इतनी ख़ुशी मुझे कभी नहीं मिली थी , शायद किसी भारतीय को नहीं मिली होगी l अब तक तो आप सभी लोग ये समझ ही गए होंगे की मैं इतना क्यों हस रहा हु, आप सभी भी मेरे तरह हस हस के पागल हो रहे होगे l  सच बात तो ये है की मौका भी है और दस्तूर भी l
जब पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया ने भारत को सेमी फ़ाइनल से बहार रखने के लिए 2 अक्टूबर को मैच खेला था , तो उन्हें तो यही लग रहा था की वो दोनों ही फ़ाइनल में फिर से खेलेंगे और फ़ाइनल मैच में ही मैच का फैसला करेंगे l लेकिन वो कहते हैं न बोया पेड़ बबूल का तो आम कहा से खायेगा l  कल के मैच में लंका ने पाकिस्तान की बजाई और आज वाले मैच में तो वेस्ट इंडीज ने सीधे साधे शब्दों में ऑस्ट्रेलिया का बलात्कार ही कर दिया l  और बलात्कार भी ऐसा वैसा नहीं पूरा का पूरा सामूहिक बलात्कार कर दिया l और इस बात की जितनी ख़ुशी वेस्ट इंडीज  में हुई होगी की वेस्ट इंडीज फ़ाइनल में पहुच गया है उससे ज्यादा हम भारतीयों को हुई है l
अब फ़ाइनल कोई भी जीत जाये हमारे लिए तो दोनों ही बराबर हैं अब तो l एक ने पाकिस्तान की बजाई और दुसरे ने ऑस्ट्रेलिया की लगाई l आज पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया को ये बात तो समझ में आ ही गयी होगी की अगर ईमानदारी से मैच खेलते तो शायद इनमे से कोई न कोई तो फ़ाइनल में खेलता l  खैर देर से ही भी अगर इनके दिमाग में ये बात आ जाये तो अगले विश्व कप के लिए इनके खुद के लिए ही अच्छा साबित होगा l खेल को खेल की तरह खेलो तो ज्यादा मज़ा आता है l शायद ये मैच इन दोनों देश के टीम्स के लिए एक सही सबक की तरह प्रतीत होगा और आगे से ये गेम को गेम की तरह खेलेंगे l वैसे कुत्ते की टेढ़ी पूंछ को 18 साल के लिए सीधे पाईप में रख के जब वापस निकाला था तब भी वो टेढ़ी की टेढ़ी ही निकली थी , इसीलिए इन दोनों टीम्स से शराफत की उम्मीद करना नामुमकिन के बराबर है l  फिर भी इन्ही शब्दों के साथ ये पोस्ट समाप्त करता हु की शायद इन दोनों टीम्स को अपना सबक  मिल गया हो l

                                             II जय हिंद जय भारत II 

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